कानपुर देहात

 

कानपुर देहात का बहुचर्चित बेहमई कांड में 43 साल बाद आया फैसला,

 

14 फ़रवरी 1981 को हुआ था बेहमई कांड,

 

दस्वी सुंदरी फूलन देवी ने अपने गैंग के साथियों सहित 20 लोगो को गोलियों से छलनी कर उतारा था मौत के घाट,

 

आज 14 फरवरी 2024 को कोर्ट ने सुनाया फैसला,

 

1 आरोपी को उम्र कैद की सजा का एलान, 1 आरोपी विश्वनाथ को किया गया दोषमुक्त,

 

श्याम बाबू को उम्र कैद की सजा का ऐलान,

 

बेहमई कांड मामले में कई आरोपियो की हो चुकी है मौत,

 

बेहमई कांड में वादी समेत कई गवाहों की हो चुकी है मौत,

 

कानपुर देहात की स्पेशल डकैती कोर्ट अमित मालवीय की कोर्ट ने सुनाया फैसला ।

 

बाईट – राजू पोरवाल (डीजीसी क्रिमिनल)

बाईट – विश्वनाथ (दोषमुक्त आरोपी)

स्लग – 43 साल में आया बेहमई कांड का फैसला

 

एंकर – 43 साल पहले उत्तर प्रदेश के के कानपुर देहात जिले में हुए एक कांड ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था जिसके बाद दस्यु सुंदरी फूलन देवी का नाम सुर्खियों में आ गया था और राज्य से लेकर केंद्र तक की सरकार हिल गई थी एक साथ 20 लोगों को लाइन में खड़ा कर के गोलियों से छलनी कर दिया गया था जो देश में बेहमई कांड के नाम से चर्चित हुआ, आज 43 साल बाद इस मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है, जिसमे एक आरोपी को उम्रकैद की सजा और एक को दोषमुक्त कर दिया गया।

 

वी ओ – बेहमई का नाम आते ही एक बड़े नरसंहार की रक्त रंजित कहानी याद आ जाती है जिसमे एक साथ एक ही जाति के 20 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था और इस नरसंहार को अंजाम देने वाली एक ऐसी डैकट थी जिसे लोग फूलन देवी के नाम से जानते थे चंबल से सियासत का सफर तय करने वाली फूलन ने अपने साथियों संग खून की होली खेली थी, वहीं इस मामले में ज्यादातर लोग अपनी उम्र के चलते इस दुनिया को अलविदा कह चुके है ,14 फरवरी 1981 में कानपुर देहात के राजपुर क्षेत्र के बेहमई गांव में हुआ था बेहमई कांड जिसमे 43 साल के लंबे समय के बाद फैसला आया है जबकि इस मामले में अब कुल दो ही आरोपी जीवित बचे हैं और बाकी सभी की मौत हो चुकी है jisk चलते आज कानपुर देहात न्यायालय में एक आरोपी विश्वनाथ को संदेह के चलते

न्यायालय ने दोषमुक्त किया हैऔर अभियुक्त श्याम बाबू आरोप सिद्ध करते हुए आजीवन करवास और 50 हजार रुपए का अर्थ दंड का फैसला दिया है।

 

बाइट – राजू पोरवाल शासकीय अधिवक्ता कानपुर देहात न्यायालय

 

बाइट – विश्वनाथ दोषमुक्त आरोपी बेहमई कांड

 

वी ओ – वही इस पूरे मामले में शासकीय अधिवक्ता राजू पोरवाल ने बताया कि यह मामला 14 फरवरी 1981 का है जब कानपुर देहात के बेहमई गांव में डकैत फूलन देवी ने अपने गिरोह के साथ क्षत्रिय वर्ग के 20 लोगों को लाइन में खड़े करके गोली मार दी थी और 6 लोग इस नरसंहार में गंभीर घायल हुए थे इस मामले में 1981 में 36 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था लेकिन 2012 में इस मामले में 5 लोगों के खिलाफ चार्ज बना था क्योंकि बहुत से आरोपी इतने लंबे समय के साथ स्वाभाविक मौत हो गई, जिसमे 3 अभुयक्तों की मौत हो चुकी है और दो अभियुक्त श्यामबाबू और विश्वनाथ जीवित है जिसमे न्यायालय ने श्यामबाबू को बेहमई कांड के मामले में आज एवं कारावास की सजा सुनाई है और दूसरे अभियुक्त विश्वनाथ को संदेह के चलते दोषमुक्त कर दिया है।

 

 

क्या बोला दोषमुक्त विश्वनाथ

 

वहीं इस मामले में कोर्ट में मौजूद विश्वनाथ ने मीडिया से बात करते हुए न्यायालय के फैसले का स्वागत किया और ऊपरवाले का अहसान मानते हुए धन्यवाद अदा किया और कहा की जब ये कांड हुआ था तो वो उस स्थान पर था ही नही उसे इस कांड में बेवजह फसाया गया और उसने किसी की हत्या नही की थी इतने लंबे समय तक उसे दिक्कतें झेलनी पड़ी लेकिन आज इस फैसले से राहत की सांस ली है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *