कानपुर

 

 

2017 से पहले यूपी को देश के विकास में सबसे बड़ी बाधा माना जाता था। अब पीएम के नेतृत्व में विकास का इतिहास रच रहा है। 2017 से पहले यूपी में युवा तमंचे लहराते थे। अब उनके हाथों में टैबलेट है।पहले रंगदारी मांगी जाती थी अब पीएम स्वनिधि योजना मिलती है। पहले दंगे होते थे, कर्फ्यू लगता था, अब कांवड़ यात्राएं धूमधाम से निकलती हैं। यह बात सीएम योगी आदित्यनाथ ने साढ़ स्थित अदाणी डिफेंस सिस्टम एण्ड टेक्नालाजी लि के एम्युनेशन मैन्युफैक्चरिंग कॉम्प्लेक्स के उद्घाटन के दौरान कही।उन्होंने कहा कि यूपी में डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग के लिए 5 हजार हैक्टेयर के बड़े कॉरीडोर को आगे बढ़ाने के लिए कार्य किया गया है। अबतक 5हजार एकड़ लैंड को प्राप्त कर लिया गया है। इसमें लखनऊ में जहां ब्रह्मोस, झांसी में भारत डायनमिक्स लिमिटेड, आर्म व्हीकल निगम लिमिटेड और टाटा टेक्नोलॉजीस लिमिटेड, ग्लोबल इंजीनियरिंग लिमिटेड और डब्ल्यूवी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया लिमिटेड का कार्य प्रारंभ हुआ है, वहीं अलीगढ़ नोड में एंकर रिसर्च लैब एलएलपी और कानपुर में अदाणी डिफेंस सिस्टम एंड टेक्नोलॉजी लिमिटेड जैसी बड़ी बड़ी कंपनियां काम कर रही हैं।

इस अवसर पर विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना, चीफ आफ आर्मी स्टाफ जनरल मनोज पाण्डेय, अदाणी ग्रुप से करन अदाणी, जीत अदाणी, औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता (नन्दी), मंत्री हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग राकेश सचान, अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह उपस्थित रहे।

सीएम ने कहा कि 2018 में जब हमने अपना पहला इन्वेस्टर्स समिट आयोजित किया था, तब प्रधानमंत्री मोदी ने देश में दो डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरीडोर की घोषणा की थी। भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को ध्यान में रखकर तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरीडोर की घोषणा की गई थी। प्रधानमंत्री ने यूपी में 6 नोड्स की घोषणा की थी। इसमें अलीगढ़, आगरा, कानपुर, लखनऊ, झांसी और चित्रकूट शामिल हैं, जिसमें कानपुर नोड में अदाणी डिफेंस सिस्टम एंड टेक्नोलॉजीस लिमिटेड ने अपना कार्य प्रारंभ किया है।मुख्यमंत्री ने बताया कि यूपी में डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग कॉरीडोर के लिए आईआईटी कानपुर और आईआईटी बीएचयू को सेंटर फॉर एक्सिलेंस के तौर पर नामित किया गया है। इसके लिए रक्षा मंत्रालय ने भी इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए साझेदारी दिखाई दी है। सीएम ने बताया कि यूपी के डिफेंस कॉरीडोर में डिफेंस एंड एयरोस्पेस सेक्टर में स्टार्टअप्स के सहयोग के लिए संपूर्ण वातावरण बनाने का कार्य हुआ है। इसके पीछे उद्देश्य है कि भारत डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भर बनने के साथ ही दुनिया की आवश्यक्ताओं की पूर्ति कर सके। इस कार्य में यूपी के 6 नोड्स मील का पत्थर साबित होंगे।

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