लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान परिसर स्थित प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र में जेनरिक की जगह ब्रांडेड दवाएं बेचे जाने की शिकायत पर खाद्य एवं औषधि विभाग की टीम ने छापमार कार्रवाई की। यहां से काफी मात्रा में ब्रांडेड दवाएं मिली, इनकी खरीद बिक्री का कोई दस्तावेज बरामद नहीं हुआ।

संचालक को नोटिस तामील करते हुए 15 दिन में खरीद बिक्री के रिकार्ड मांगे गए हैं। यहां 125 प्रकार की ब्रांडेड दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। ड्रग इंस्पेक्टर ओम पाल सिंह ने बताया कि पीएम जन औषधि केंद्र में ब्रांडेड दवाओं की बिक्री पाई गई है। जन औषधि केंद्र से जेनरिक दवाओं की बिक्री की अनुमति है लेकिन मरीजों को ब्रांडेड दवाओं की बिक्री की जा रही थीं। जांच में 50 प्रकार की दवाओं की सूची बनाई गई थी। 125 से अधिक प्रकार की ब्रांडेड दवाएं हैं। उनकी सूची तैयार करके दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी है। इन दवाओं के खरीद-बिक्री का रिकार्ड मांगा, जो संचालक नहीं दिखा सके। इसलिए 15 दिन का समय दिया गया है।खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम ने औषधि निरीक्षक रेखा सचान और ड्रग इंस्पेक्टर ओम पाल सिंहकी अगुवाई में छापा मारा। जांच पड़ताल के दौरान ब्रांडेड दवाएं मिलीं. जिनकी खरीद बिक्री का कोई रिकार्ड उपलब्ध नहीं था। ऐसे में 125 प्रकार की ब्रांडेड दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी है। संचालक को नोटिस देकर 15 दिन में खरीद- बिक्री का रिकार्ड मांगा है। रिकार्ड न देने पर दवाएं जब्त करके कार्रवाई की जाएगी। उसमें से 18 प्रकार की दवाओं के नमूने लेकर जांच के लिए लखनऊ स्थित राजकीय प्रयोगशाला भेजे हैं।सहायक आयुक्त औषधि कानपुर मंडल कानपुर दिनेश कुमार तिवारी को सूचना मिल रही थी कि हृदय रोग संस्थान परिसर में संचालित प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र का संचालन आगरा की फर्म कर रही है। उसके संचालक को जेनरिक दवाओं की बिक्री की अनुमति है लेकिन वहां से जेनरिक की जगह ब्रांडेड दवाओं की बिक्री की जा रही है। इसके बाद यह कार्रवाई की गई। अफसर ने बताया कि आगे भी नकली दवाओं की जांच को लेकर छापे मारे जाएंगे।

 

सहायक आयुक्त औषधि कानपुर मंडल कानपुर दिनेश कुमार तिवारी को सूचना मिल रही थी कि हृदय रोग संस्थान परिसर में संचालित प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र का संचालन आगरा की फर्म कर रही है। उसके संचालक को जेनरिक दवाओं की बिक्री की अनुमति है लेकिन वहां से जेनरिक की जगह ब्रांडेड दवाओं की बिक्री की जा रही है। इसके बाद यह कार्रवाई की गई। अफसर ने बताया कि आगे भी नकली दवाओं की जांच को लेकर छापे मारे जाएंगे।

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