कानपुर सिख नरसंहार 1984 के दोषियों को सजा दिलाने की ओर कोर्ट द्वारा एक और अहम फैसला।

 

कानपुर, अखिल भारतीय दंगा पीड़ित राहत कमेटी 1984 के अध्यक्ष व सेक्रेटरी जनरल शिरोमणी अकाली दल, जत्थेदार कुलदीप सिंह भोगल ने प्रेस को दिये बयान में कहा कि कानपुर सिख नरसंहार, 1984 मामले में सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय की खंडपीठ ने दोषियों को सजा दिलवाने एवं पीड़ितों को इंसाफ दिलवाने की दिशा में महत्वपूर्ण दिशा निर्देश देते हुए आदेश पारित किया कि कानपुर सिख नरसंहार में फाईल की गई चार्ज शीट में सरकार की तरफ से एक अनुभवी अधिवक्ता की नियुक्ति की जाए जिससे मुकदमे की सुनवाई एवं दोषियों की सजा सुनिश्चित की जा सके। इसके साथ ही पहले से खारजि चार मामलों में माननीय उच्च न्यायालय प्रयागराज में मुकदमें लड़ने के लिए भी सरकार समुचित व्यवस्था करे तथा अपीलों को दो हफ्तों के अंदर दाखिल करने की प्रक्रिया करे। इसके साथ ही, सर्वोच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता कुलदीप सिंह भोगल एवं उनके अधिवक्ता श्री प्रसून कुमार एवं गुरबक्श सिंह को भी इस मामले में न्यायालय को वैकल्पिक नाम सुझाने एवं रिपोर्ट पर अपने प्रतिरोध को दर्ज कराने के लिए दो हफ्ते का समय दिया। आज यू.पी. सरकार ने कोर्ट के आदेश के पालन में compliance report फाईल की, जिसमें 9 मामलों में जांच बंद करने, 11 मामलों में चार्जशीट फाईल करने एवं चार मामलों में अपील फाईल करने की बात कही गई है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आज के आदेश से इस मामले में कार्यवाही का भरोसा बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि हमारे साथ सुप्रीम कोर्ट में शिरोमणी गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के दिल्ली के इन्चार्ज सुरिन्दर पाल सिंह समानाकानपुर से कवलजीत सिंह मानू मौजूद रहे!

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