कानपुर
यतीम खाने को लेकर मामला लीगल नोटिस तक पहुंचा
कानपुर की शान कहे जाने वाले और मुस्लिम इलाके परेड चौराहे की खूबसूरत इमारत यतीम खान की स्थापना सन 1894 ईस्वी में मुस्लिम यतीम बच्चों की अच्छी परवरिश और तालीम के लिए जहां बनाया गया था वहीं अब इसी यतीम खान को लेकर दो मुस्लिम धर्म के लोग आमने-सामने आ चुके हैं।
इस यतीम खाना कमेटी के पुराने कमेटी मेंबर बरकात नजमी ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते मौजूदा यतीम खाना कमेटी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मौजूदा कमेटी के मेंबरों की मनमानी के चलते इस यतीम खाने में सरकारी तालाबंदी हुई और इस तालाबंदी के बावजूद भी यतीम खाना और और वहाँ रह रहे यतीम बच्चों के नाम पर यह कमेटी लोगों से चंदा वसूली का काम कर रही है जो सरासर गलत है बरकात नजमी ने कहा कि हम जल्द ही इस मामले में मुस्लिम समुदाय के सभी वरिष्ठ और बुजुर्ग लोगों के साथ वार्तालाप और मीटिंग करेंगे इसके बाद हम इस मौजूदा कमेटी को लीगल नोटिस भी देंगे हमारा मकसद केवल इस यतीम खाने को बचाने और यहां शरण लेने वाले बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए है।