कानपुर
ड्रग माफिया और हिस्ट्रीशीटर पर शिकंजा ::: शास्त्री नगर के सुशील बच्चा और राजकुमार बच्चा के घर पुलिस की दबिश
एक
कानपुर कमिश्नरेट पुलिस ने ड्रग माफिया सुशील बच्चा और राजकुमार बच्चा पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. सेटरडे दोपहर बाद एसीपी कर्नलगंज महेश कुमार काकादेव सहित छह थानों की पुलिस के साथ शास्त्री नगर पुलिस चौकी के पास बने सुशील बच्चा के घर पहुंच गए. साथ में महिला पुलिस भी मौजूद थी. सुशील के एक घर में ताला बंद मिला जबकि दूसरे घर की तलाशी की गई. घर में मौजूद महिलाओं से पूछताछ की गई. घर में कोई नशीला पदार्थ नहीं मिला लेकिन इस रेड की अगुवाई कर रहे एसीपी कर्नलगंज ने बताया कि माफिया के दो ड्रग गोदाम की जानकारी ंिमली है, देर रात पुलिस बल के साथ दोबारा रेड की जाएगी. घर में मौजूद महिलाओं से एसीपी ने महिला पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में पूछताछ की.
थाना चौकी पुलिस के संरक्षण में बिकवाता है ड्रग्स
एसीपी कर्नलगंज ने बताया कि कुछ दिन से जानकारी मिल रही थी कि सुशील और राजकुमार दोनों ने ड्रग्स का कारोबार शुरू कर दिया है. इनकी सुरागरसी की जा रही थी. सेटरडे को सीनियर ऑफिसर्स के आदेश पर छापेमारी की गई, लेकिन पुलिस के आने से पहले ही दोनों माफिया फरार हो गए. वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि सेटरडे सुबह ही सुशील को काली मठिया के पास देखा गया था. शास्त्री नगर पुलिस चौकी से चंद कदम की दूरी पर ही सुशील और राजकुमार का घर है. इसके बाद भी काकादेव, कल्याणपुर और आस पास के इलाके में चरस, गांजा और स्मैक की सप्लाई दोनों भाई कर रहे हैैं. दोनों का कारोबार जोरों पर चल रहा है. पुलिस के अधिकारिक सूत्रों का भी यही मानना है कि लगातार ड्रग्स की सप्लाई बिना थाना और चौकी पुलिस की जानकारी के नहीं हो सकती है.
दो साल पहले पुलिस ने की थी कार्रवाई
22 फरवरी 2021 को तत्कालीन डीआईजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने सुशील बच्चा और राजकुमार बच्चा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की थी.10 थानों की पुलिस के साथ इलाके की घेराबंदी की थी और सुशील बच्चा के अवैद्य मकान को ध्वस्त कर दिया था. सुशील बच्चा और उसके भाई राजकुमार को फरवरी 2021 में पुलिस ने ड्रग्स तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था. इनके खिलाफ जब गैंगस्टर की कार्रवाई की गई और संपत्ति जब्त किए जाने के बाद उसका आकलन शुरू हुआ तो सामने आया कि इन्होंने श्रम विभाग के सरकारी क्वार्टर कब्जा लिए हैं और अरमापुर स्टेट की सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण कर के मकान बनाए हैं.
एएनटीएफ को रिपोर्ट बनाकर भेजी
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस रेड की पूरी फाइल शासन को और एएनटीएफ को भेजी गई है. बताते चलें कि नवाबगंज, रावतपुर, गोल चौराहा, टाटमील, लाल बंगला और महाराजपुर मेें नशे की बड़ी खेप पकड़ी जा चुकी हैैं. एएनटीएफ को जानकारी मिली थी कि कुछ दिनों से कानपुर में गांजा और चरस की तस्करी बढ़ रही है, जिसके बाद अब पुलिस ने सख्त रवैया अख्तियार कर लिया है.
तत्कालीन डीआईजी ने की थी सख्त कार्रवाई
तत्कालीन डीआइजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने श्रम विभाग व अरमापुर स्टेट को पत्र लिखकर सुशील बच्चा और उसके भाई राजकुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सरकारी संपत्ति से इन्हें बेदखल करने की प्रक्रिया शुरू की थी. काकादेव थाना क्षेत्र के अंबेडकर नगर स्थित अरमापुर स्टेट की जमीन पर अवैध रूप से बनाए गए सुशील बच्चा और राजकुमार के मकानों को ध्वस्त करा दिया गया था. सके अलावा अरमापुर स्टेट के अधिकारी भी मौके पर गए थे जहां संकरा रास्ते में घर होने की वजह से मौके पर बुलडोजर नहीं पहुंच सका, जिसके चलते मजदूरों से ही मकान ध्वस्त कराया गया था.
नेपाल से चरस और स्मैक व छत्तीसगढ़ और बिहार से आ रहा गांजा
कमिश्नरेट पुलिस कई बार ड्रग्स की बड़ी खेप पकड़ी जा चुकी है. बीते दिनों पुलिस ने 3500 किलो नशीला पदार्थ पकड़ा था. एक दर्जन से ज्यादा लोग अरेस्ट किए थे. पुलिस सूत्रों की माने तो काकादेव के कल्याणपुर तक कोचिंग मंडी के स्टूडेंट्स को नशा सप्लाई करने और आस पास के जिलों तक नशीला पदार्थ पहुंचाने का काम दोनों भाई कर रहे थे. कभी अपने व्हीकल्स में तो कभी पब्लिक व्हीकल्स से चोरी छिपे नशीला पदार्थ शहर में लाया जा रहा है. इस काले कारोबार में ड्रग माफिया के परिवार की महिलाएं भी शामिल हैैं. नेपाल से गोरखपुर और पूर्वाचल के तमाम जिलों से होते हुए नशे की सप्लाई कानपुर में होती है.

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