कानपुर। जहां एक ओर कानपुर नगर के चौराहों का सुंदरीकरण करते हुए मॉडल चौराहा के रूप में विकसित करने की कवायद उच्च अधिकारियों द्वारा की जा रही है। जिससे कानपुर शहर वासियों को जाम से मुक्ति दिलाई जा सके। संयुक्त रूप से टीमें गठित की जा रही है, लोगों को जागरूक करने के साथ ही यातायात के नियम का पालन करने की चेतावनी दी जा रही है। साथ ही चालान भी काटे जा रहे हैं, और अच्छा खासा जुर्माना वसूला जा रहा है।वहीं दूसरी तरफ घंटाघर चौराहा से टाटमिल जाने वाली सड़क पर सारा दिन जाम लगा रहता है। लोग घंटो जाम से जूझते रहते हैं, तब जाकर अपने गंतव्य तक पहुंचते हैं। जाम में फंसकर स्टेशन जाने वाले कुछ यात्री लेट हो जाते हैं, जिसके कारण उनकी ट्रेने छूट जाती है। जाम के कारण जल्दी निकलने के चक्कर में वाहन आपस में टकरा जाते है।

कारण ऑटो, टेंपो, ई रिक्शा की अराजकता और गुंडागर्दी है। जहां पाया वहां अपना वाहन ड्राइवर खड़ा कर देते हैं और सवारी भरने लगते हैं। किसी की ट्रेन छूटे या किसी का एक्सीडेंट होकर उसको चोट लगे इनकी बला से।जबकि चौराहे से 100 मीटर की परिधि पर किसी भी वाहन को न खड़ा होने की चेतावनी दी गई है। उसके बावजूद ड्राइवर अपने वाहन वहां खड़ा कर सवारियां भरते हैं।जबकि चौराहे पर ही सुतरखाना चौकी बनी हुई है, साथ ही यातायात पुलिस भी मौजूद रहती है, उसके बावजूद किसी को ट्रैफिक पुलिस का डर नहीं और पूरा चौराहा घेर कर सवारियां भरते हैं वाहन। कुछ तो गड़बड़ है।घंटाघर चौराहे पर जाम और वाहनों की अराजकता को देखते हुए जैसे ही फोटो खींचना शुरू किया गया वैसे ही फ्लैश को चमकता देख वहां मौजूद टी एस आई रामदीन अपने होमगार्ड साथियों के साथ मिलकर जाम लगाकर उल्टा सीधा खड़े टेंपो, ऑटो, ई रिक्शा को हांकते नजर आए, और चेतावनी देते हुए दूर तक खदेड़ दिया। थोड़ी ही देर में जो सड़क दिखाई नहीं दे रही थी। वह सड़क चौड़ी और देखने लायक हो गई।

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