सूर्यदेव हमारे स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निर्वहन करते हैं

 

विटामिन डी का निर्माण भी सूर्य प्रकाश से होता है ! चिडचिडापन, झगड़ालू प्रवृति, खिन्नता जैसे मानसिक अवगुण प्रकट होने लगें तो नियमित रूप से मन में भगवान के साथ साथ सूर्य को भी देखते रहें तो निश्चित ही मानसिक अवस्था में तेजी से बदलाव आने लगता है ! इस के साथ साथ धूप में भी खासतौर पर सुबह 9 बजे से पहले पहले 15 मिनिट हर रोज बैठना है

 

आप के शरीर में परिवर्तन आएगा ! अगर सुबह समय नही निकाल सकते तो आवश्यक बचाव करते हुए दिन में कभी भी धूप का सेवन जरूर करें !

सूर्य किरणों के प्रभाव से शरीर में मनोकूल परिवर्तन के लक्षण प्रकट होने लगते हैं ! केवल योगी ही नही एक साधारण मनुष्य का शरीर अपनी भोजन सम्बन्धी जरुरत, सीधे सूर्य प्रकाश के माध्यम से पूरा करने लगता है,

 

प्रकाश द्वारा ही अपना भोजन तैयार करने लगता है ! इसके बाद उसे भोजन एवं पानी की ज्यादा आवश्कयता नही रहती !अगर आप ज्यादा भोजन करते हैं तो इस का सीधा सा मतलब है आप सूर्य किरणों से वंचित रहते हैं ! इस के साथ साथ मनुष्य के अंतस में सुषुप्त पड़ी रहने वाली अनेक शक्तियां सक्रिय होने लगती हैं ! इससे योगी तेजी से अध्यात्मिक उन्नति के मार्ग पर अगसर होने लगता है ! नियमित धूप लेने से मानसिक सामर्थ्य और स्मरण शक्ति भी यथावत रहती है ! धूप लेने वाले लोग बुढ़ापे संबधी रोगों तथा अल्जेमर, पार्किन्सन डिजीज, स्मरण शक्ति की दुर्बलता, हड्डियों के रोगों से जल्दी ठीक हो जाते हैं !

 

इसलिये भगवान की साधना के साथ साथ सूर्य प्राकश लेने के लिये सूर्य को भी कल्पना में देखते रहना चाहिए और जब भी मौका मिले सूर्य धूप में भी जाना चाहिए !

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