क्राइस्ट चर्च काॅलेज में पर्णिका : साहित्य वाटिका

उद्घाटन समारोह का आयोजन

कानपुर नगर, क्राइस्ट चर्च कॉलेज , कानपुर द्वारा ‘पर्णिका : साहित्य वाटिका’ का उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया । इस वाटिका की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे पूर्णतः विद्यार्थियों द्वारा ही विकसित किया गया है । इस वाटिका में विभिन्न प्रजातियों के पेड़ पौधे लगाए गए हैं, जिनके साथ QR कोड भी दिया गया है, जिसे स्कैन करके वृक्ष की साहित्यिक परंपरा और उसके बारे में अन्य जानकारियां प्राप्त की जा सकती हैं। इस वाटिका में शैल चित्र , मधुबनी, मंडल व एपन तथा अन्य भारतीय चित्रकला की शैलियों के भित्ति चित्रों का निर्माण भी विद्यार्थियों द्वारा ही किया गया, जो एम ए की छात्रा अंजलि सचान के दिशा निर्देशन में संपन्न हुआ ।

इस वाटिका का औपचारिक उद्घाटन प्राचार्य प्रोफेसर जोसेफ डेनियल के मार्गदर्शन में कॉलेज के माली श्री देशराज के हाथों किया गया । औपचारिक स्वागत भाषण हिंदी विभाग की प्रभारी प्रोफेसर सुजाता चतुर्वेदी ने किया । वाटिका की संकल्पना के विषय में हिंदी विभाग के अवधेश मिश्र ने व्यापक रूप से प्रकाश डाला उन्होंने कहा कि ये वाटिका साहित्य संगीत और कला तीनों का संगम कराती हुई भारतीय पारंपरिक ज्ञान परंपरा और वर्तमान ज्ञान परंपरा के अध्ययन अध्यापन का सम्मिलित रूप प्रदर्शित करती है । कार्यक्रम में अध्यक्ष प्रोफेसर डेनियल ने इस अवसर पर हिंदी विभाग और महाविद्यालय के कलाकार छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि कानपुर में हमने क्राइस्ट चर्च में शांति निकेतन बना दिया है । इस अवसर पर हिंदी विभाग की भित्ति पटल पत्रिका के “राहुल सांकृत्यायन विशेषांक” का लोकार्पण भी हुआ । यह अंक हिंदी विभाग के शोधार्थियों द्वारा तैयार किया गया ।

इस अवसर पर प्रोफेसर मीत कमल के निर्देशन में छात्र छात्राओं ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी । कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य महोदय ने कलाकार छात्रों को स्मृति चिह्न व पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित भी किया । इस अवसर पर बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं और शिक्षक तथा शोधार्थी उपस्थित रहे । कार्यक्रम का समन्वय हिंदी विभाग के प्रोफेसर अरविंद सिंह ने किया । विख्यात दुबे , फैरी , अनुभूति , अंजलि सचान , रितेश यादव , हर्षिता आर्या , अलीशा मंशा , आदित्य , आदि छात्रों ने कार्यक्रम की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यक्रम का सफल संचालन एम ए हिंदी के छात्र सहस्त्रांशु मिश्रा ने किया ।

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