*भिन्न भिन्न फूलों की बगिया जैसा है भारत जहां सभी धर्मों के फूल महकते हैं: सूफ़ी कौसर मजीदी*

कानपुर। सदियों से हिंदुस्तान की गंगा जमुनी तहजीब दुनिया भर के मानवता प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित करती चली आ रही है,विभिन्न जातियों,धर्मों और भाषाओं की विविधता का देश भारत विविधता में एकता की शानदार मिसाल है।
सूफ़ी समाज ने सदैव इस भावना को आगे बढ़ाया है,भारत के सूफियो का अग्रणी संगठन सूफ़ी खानकाह एसोसियेशन लगातार सर्व धर्म समभाव के लिए कार्य कर रहा है।
कानपुर नगर के शुजात गंज इलाके में सूफ़ी खानकाह एसोसियेशन राष्ट्रीय अध्यक्ष सूफी मोहम्मद कौसर हसन मजीदी एडवोकेट द्वारा एक कार्यक्रम में लोगों से हिंदू मुस्लिम एकता सहित सर्व धर्म समभाव को लेकर पैगाम दिया गया।
नई बस्ती शुजात गंज स्थित सूफ़ी खानकाह एसोसियेशन मंडल अध्यक्ष साहिबे आलम के आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में सूफ़ी मोहम्मद कौसर हसन मजीदी ने कहा कि,भारत विभिन्न धर्मों के फूलों का एक चमन है,जिसकी खुशबू सारी दुनिया को अपनी तरफ आकर्षित करती है।
उन्होंने कहा कि सूफ़ी समुदाय ने सदैव इस भावना को जन जन तक पहुंचाने का काम किया है।
धार्मिक विविधताओं वाले समाज में समावेशी शिक्षा एक दूसरे से प्यार को बढ़ाती है,उन्होंने कहा कि “कुल खल्क अयाल उल्लाह” यानी सारी मखलूक अल्लाह का परिवार है,इस्लाम की ये शिक्षा भारतीय संस्कृति के मंत्र “वसुधैव कुटुंबकम्” को और मजबूत करती है।
मालिक मोहम्मद जायसी के दोहे “सरग नखत तन रोवां तेते, बिधना के मारग हैं जेते” का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जिस प्रकार जायसी ने प्यार मोहब्बत के पैगाम को आगे बढ़ाया आज की नस्ल को भी इसी पैगाम को आगे बढ़ाते रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर देशों का विभाजन तो किया जा सकता है, लेकिन किसी देश को सर्व धर्म समभाव से ही आगे बढ़ाया जा सकता है।
इस मौके पर सूफ़ी खानकाह एसोसियेशन राष्ट्रीय संयुक्त सचिव पीर सूफ़ी सय्यद अशकल जावेद ज़ैदी,मंडल अध्यक्ष साहिबे आलम सहित कई धर्मगुरु और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

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